जय भीम ज्ञान गुण सागर | बाबा बन, तिहुँ लोक उजागर bhim chalisa
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जय भीम ज्ञान गुण सागर |
बाबा बन, तिहुँ लोक उजागर ||
दलित दूत अतुलित बलिधामा |
राव पुत्र अम्बेडकर नामा ||
तुमने उपकार देश पर कीन्हा |
भारत राष्ट्र नव निर्मित कीन्हा ||
मनुवादी सब थर-थर काँपैं |
जाति वर्ण में चिंता व्यापै ||
नासहि भेद भाव अनुयायी।|
मिलैं शूद्र सब बहुजन भाई ||
नारी असहाय के तुम रखवारे |
असुर निकंदन राष्ट्र के प्यारे ||
कबीर रसायन तुम्हरे पासा |
सदा रहहु भारत के दासा ||
अम्बेडकर भारत रत्न कहलायें|
जब बहुजन सत्ता में आयें ||
गुन्डा माफिया निकट न आबें |
जब बहुजन सरकार बनावें।।
नासहिं दुष्ट और अपराधा |
मिटे भ्रष्टाचार, हटे सब बाधा ||
फिर देश बने सोने की चिडिया |
चहु ओर विकास हो बढ़िया ||
दलित पुत्र सब शिक्षित होवें|
रोग-धोग को जड़ से धोवें ||
अम्बेडकर मंत्र सभी ने जाना |
शिक्षा संघर्ष संगठन को माना ||
भारत राष्ट्र पराक्रमशाली |
जब सब हों सुखी बलशाली |
जय जय जय भीम बलिशाली।
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