बेरोजगारों के साथ फर्जी नौकरी का खेल, युवाओं को नहीं बस फाइलों पर मिला रोजगार
बेरोजगारों के साथ फर्जी नौकरी का खेल, युवाओं को नहीं बस फाइलों पर मिला रोजगार
नौकरी के नाम पर बेरोजगार ठगे जा रहे हैं। इसमें जमकर फर्जीवाड़ा हो रहा है। चयन सूची में जिन युवाओं को जॉब का दावा किया, वह तो बेरोजगार घूम रहे हैं। फर्जीवाड़ा रोजगार मेले में हो रहा है।
कानपुर। नौकरी के नाम पर बेरोजगार ठगे जा रहे हैं। इसमें जमकर फर्जीवाड़ा हो रहा है। सेवायोजन कार्यालय और आईटीआई पांडुनगर में लगे रोजगार मेलों में कंपनियों द्वारा ज्यादा से ज्यादा नौकरियां देने के दावे की पड़ताल जब आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। चयन सूची में जिन युवाओं को जॉब का दावा किया, वह तो बेरोजगार घूम रहे हैं।
राजकीय आईटीआई पांडुनगर में 24 अगस्त को रोजगार मेला लगा था, जिसमें 14 कंपनियों ने 730 पदों के लिए इंटरव्यू लिए थे। यहां कैरियर ब्रिज स्किल सॉल्यूशन ने 59, एचडीबी फाइनेंशियल सर्विस लिमिटेड ने 9 और सायनर्जी कंसलटेंट ने 15 के चयन की सूची सेवायोजन विभाग को सौंपी। चयन सूची में लिखे युवाओं के फोन पर जब संवाददाता ने गुरुवार रात 7 से 9 बजे के बीच फोन किए तो सारा खेल सामने आ गया। सूची में शामिल किसी भी युवा को न तो नौकरी मिली थी और न ही उन्हें यह बताया गया कि कहां जाकर काम करना है।
कैरियर ब्रिज स्किल सॉल्यूशन की सूची में शामिल लाल बंगला की आकांक्षा गुप्ता, कल्याणपुर के रितेश कनौजिया और उन्नाव के राम कुशवाहा ने कहा कि सिर्फ बायोडाटा जमा कराकर लौटा दिया गया। उन्हें अब तक कोई नौकरी नहीं मिली है। प्रभारी सहायक निदेशक सेवायोजन निधि वर्मा ने मामले में सफाई देते हुए कहा कि कंपनियों ने जो चयन सूची सौंपी है। वह असल में शॉर्ट लिस्ट किए गए प्रतिभागियों की सूची है। सभी कंपनियां ईमानदारी से चयन करती हैं।
बायोडाटा जमा करा लौटा दिया
पहली नौकरी की तलाश में सायनर्जी कसलटेंट में इंटरव्यू देने मऊ से आए अंशु भारद्वाज का नाम चयनितों में शामिल है। उन्होंने फोन पर बताया कि कंपनी वाले शख्स ने बायोडाटा जमा कर सामान्य से प्रश्न पूछे थे लेकिन नौकरी देने की हामी नहीं भरी थी। अभी भी बेरोजगार घूम रहे हैं।
किसी को 10 तो किसी को 14 हजार की सैलरी
एचडीबी फाइनेंशियल सर्विस लिमिटेड की सूची में तो चयनितों के नाम के आगे दस से 14 हजार तक की सैलरी लिखी है। नौबस्ता गल्लामंडी के दीपेन्द्र के नाम के आगे 12 हजार का वेतन लिखा है। उन्होंने बताया कि कंपनी की ओर से आए प्रतिनिधि ने कुछ भी नहीं पूछा था और न ही उन्हें नौकरी ऑफर की थी। रसूलाबाद के विशाल को 14 हजार का वेतन देने का दावा है जबकि विशाल के मुताबिक सिर्फ वह बायोडाटा जमा करके लौट गए थे, उन्हें कोई नौकरी नहीं मिली है।
कागजों में बना दिया टेलीकॉलर व ऑपरेटर घूम रहे बेरोजगार
30 जून के रोजगार मेले में मगध एग्रोटेक कंपनी ने उत्तरीपुरा के इरशाद को 10 हजार में टेलीकॉलर और किदवई नगर के अमन कुमार को 10.5 हजार रुपये में कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी देने का दावा किया है। दोनों ने मेले से नौकरी मिलने को गलत बताते हुए खुद को बेरोजगार बताया। शुक्लागंज के कृष्णा शुक्ला को भी टेलीकॉलर की नौकरी देने का दावा किया गया है जबकि वह एक ज्वैलर्स के यहां नौकरी कर रहे हैं। इस सूची में शामिल अफीम कोठी के मो. आजाद और मुरादाबाद के सुधीर ने भी नौकरी मिलने से इनकार किया है।
शिवांगनी की सूची भी खेल
21 जून वाले मेले में आई शिवांगनी लॉजिस्टिक की सूची के चयनित अमित कुमार,अवनीश पाल और आशीष यादव को नौकरी का इंतजार है। सितंबर 2021 के मेले में इसी कंपनी की एक और सूची में शामिल कैंट निवासी रजनीश कुमार और लाल बंगला के हेमंत पाल ने बताया वह भी नौकरी की तलाश में मेले में इंटरव्यू दिया थ लेकिन कभी नौकरी नहीं मिली। जबकि इसी मेले में स्मार्ट टच इन्फ्रास्टक्चर की सूची में शामिल अमित कुमार और कीर्ति ओझा ने सिर्फ रजिस्ट्रेशन कराने के बारे में बताया है।
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